634/2025
©शब्दकार
डॉ०भगवत स्वरूप 'शुभम्'
उजालों में
अहिंसा के
दियों का काम क्या है।
हर शाख पर
उल्लू
बसेरा कर रहे हैं
गधे अब
दाख पर
गुजारा कर रहे हैं
कौन लूटे
या खसोटे
जानते अंजाम क्या है !
सड़क पर
हो लूट
दर्शक ही मिलेंगे
विडियोबाजी करें
मरदूद
हर्षक ही दिखेंगे
रौशनी में
प्राण रक्षक को
हुआ आरामगाह है।
खोखले
आदर्श के
दिन अब नहीं हैं
अब हकीकत
और है
सब कुछ सही है
धर्मशाला
देश है
खामा खाम क्या है !
शुभमस्तु !
21.10.2025●12.15 प०मा०
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