शुक्रवार, 24 अक्टूबर 2025

एल ओ सी बनाम लाइन ऑफ चिल्ड्रेन [ अतुकांतिका]

 638/2025

       

    


शब्दकार

डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'


एल ओ सी अर्थात

लाइन ऑफ चिल्ड्रेन

बच्चों ने बनाई

कबड्डी खेलने के लिए,

एक पाला मात्र 

खेलने की पूरी छूट।


पाले के इधर खेलो

और खेलते -खेलते

यहीं बस जाओ

आशियाना बनाओ

झुग्गी को सजाओ

बनवाकर राशनकार्ड

मुफ्त की खाओ ।


ये देश नहीं 

एक धर्मशाला है,

जिसमें किसी के आने पर

कोई रोक नहीं,

आओ और बस भी जाओ

फिर यहीं  के कहलाओ।


यह 'आजाद' धर्मशाला है

जिसको चाहिए 

उसे मिल जाता

 गरम मसाला भी,

पूरी आजादी है

कोई दीवार नहीं

दर भी नहीं

और डर भी नहीं

बदलो वेश और

आजाद घूमो कहीं,

मौका मिले तो

'रसनीति' के

 लबादे में घुस जाओ

और मौज मस्ती करो

 खाओ ,

उड़ाओ चाहे बस्तियां

या आदमियों के चिथड़े

यहाँ के 'खिलाड़ी'

बड़े ही उदार हैं,

समाहित कर ही लेंगे,

ऐसा सुख भला और कहाँ,

लूटो खाओ और

बस जाओ यहाँ।


शुभमस्तु !


24.10.2025 ●6.15 आ०मा०

                   ●●●

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

किनारे पर खड़ा दरख़्त

मेरे सामने नदी बह रही है, बहते -बहते कुछ कह रही है, कभी कलकल कभी हलचल कभी समतल प्रवाह , कभी सूखी हुई आह, नदी में चल रह...