रविवार, 19 दिसंबर 2021

गाँव में शेर 🦁 [ बालगीत ]


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✍️ शब्दकार©

🦁 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'

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एक   गाँव   में   आया   शेर।

हल्ला मचा  लिया  सब घेर।।


बिल्ली, कुत्ते , पिल्ले   आए।

चिल्लाकर सब  पीछे  धाए।।

नहीं   झपटने   में   की   देर।

एक गाँव   में    आया   शेर।।


गायें,   बकरी ,  भैंसें   आईं।

अपने  स्वर   में  सब  गुर्राईं।।

ले  खा   कबूतरी   की   छेर।

एक  गाँव  में    आया  शेर।।


कौवा, कैंका उड़ - उड़ आते।

काँव-काँव कें-कें कर जाते।।

बाँग  लगा   मुरगे    की  टेर।

एक   गाँव   में   आया  शेर।।


पूँछ   दबा   बुर्जी   में   बैठा।

तनिक  नहीं    गुर्राया  ऐंठा।।

बहुमत था चुप   हुआ अदेर।

एक  गाँव   में    आया  शेर।।


मैं  वन  का  भूला  आया हूँ।

देख  एकता   शरमाया   हूँ।।

'शुभम' न लौटूँगा अब   फेर।

एक   गाँव  में   आया   शेर।।


🪴 शुभमस्तु !


१८.१२.२०२१◆२.४५

पतनम मार्तण्डस्य।


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