बुधवार, 26 अक्तूबर 2022

भैया दूज 👫 [ दोहा ]

 444/2022

    

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🪴 शब्दकार ©

👫 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम्'

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कार्तिक मावस बाद जो,आती है  शुभ दूज।

यमुना यम से माँगती,  रक्षा- वर  यम पूज।।


भैया  के  सम्मान में,तिलक लगाती   भाल।

बहना करती भावना,दीर्घ आयु  हो  लाल।।


भ्राता-भगिनी एक  सँग,करते 'शुभम्' नहान।

यमुना-जल  में नेह से,यम देते  अति मान।।


 भारत  सँग  नैपाल  में, हिन्दू पर्व     महान।

कहते भैया दूज हम,भगिनी भ्रात   सुजान।।


रवि-संतति यमुना नदी,भ्राता अग्रज   नेह।

यम करते वादा अटल,तनिक नहीं   संदेह।।


कौन बहिन निज बंधु का,नहीं चाहती त्राण।

अंत समय यमराज जी,पीड़ित करें न प्राण।


हतभागिनि भगिनी वही,जिसे न भ्राता- नेह।

आजीवन दुखिया रहे,मिले अंत  पथ  खेह।।


🪴 शुभमस्तु!


26.10.2022◆11.45 आरोहणम् मार्तण्डस्य।



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