421/2022
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✍️ शब्दकार ©
🕯️ डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम्'
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अब आएगी शुभ दीवाली।
छाएगी घर - घर खुशहाली।।
दिये जलेंगे माटी वाले।
चलें पटाखे भरे मसाले।।
बढ़े प्रदूषण विकट कराली।
अब आएगी शुभ दीवाली।।
मावस की काली अँधियारी।
होगी ज्योति भरी चमकारी।।
खील खिलौने की भर थाली।
अब आएगी शुभ दीवाली।।
बिजली की झालर लटकाएँ।
घर - भीतर हर द्वार सजाएँ।।
पूजा शिव - सुत रमा निराली।
अब आएगी शुभ दीवाली।।
वंदनवार द्वार पर लटकें।
हम बालक खुश हो - हो मटकें।।
नाचें बजा - बजा कर ताली।
अब आएगी शुभ दीवाली।।
हमें पटाखे नहीं चलाना।
सभी प्रदूषण हमें हटाना।।
'शुभम्' फूल लाएगा माली।
अब आएगी शुभ दीवाली।
🪴 शुभमस्तु !
17.10.2022◆9.00 आरोहणम् मार्तण्डस्य।
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