405/2022
■◆■◆■◆■◆■◆■◆■◆■◆■
✍️ शब्दकार ©
🪷 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम्'
■◆■◆■◆■◆■◆■◆■◆■◆■
सबके शुभ का संधान करें।
अपने गुरुजन का मान करें।।
सबके सुख की नित चाह बढ़ी,
सुख का जन - जन को दान करें।।
यह सकल विश्व परिवार एक,
बस मानवता का गान करें।।
जग नरक - स्वर्ग है हमसे ही,
क्षण - क्षण को नया विहान करें।।
मत सोचें बुरा किसी का हो,
हो भला सभी का ध्यान करें।।
देने वाला ही पाता है,
है पात्र कौन पहचान करें।।
तन - मन से 'शुभम्' सदा करना ,
आजीवन शुभता - पान करें।।
🪴शुभमस्तु !
10●10●2022◆6.15 आरोहणम् मार्तण्डस्य।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें