बुधवार, 20 मई 2020

कोरोना की कहानी:2 [ बालगीत ]


★★★★★★★★★★★★★
✍ शब्दकार©
🌳 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'
★★★★★★★★★★★★★
कोरोना    की  सुनो   कहानी।
सारी  दुनिया    है   थर्रानी ।।

रोज   हजारों   मरते  मानव।
कोरोना   का  बहुत बुरा ढव।।
बात   नहीं  ये  बहुत  पुरानी।
कोरोना    की  सुनो  कहानी।।

सन दो हजार बीस जो आया।
कोरोना   का भय जग छाया।।
धीरे  -   धीरे     हमने   जानी।
कोरोना     की  सुनो   कहानी।।

ढोकर     लाश   कहाँ ले जाएँ।
दफ़नाने   को जगह  न पाएँ।।
विषम    हो रही आज कहानी।
कोरोना     की  सुनो  कहानी।।

नहीं    उचित उपचार रोग का।
बढ़ता   जाता चरण शोक का।
नहीं   भेद   निर्धन   धनवानी।
कोरोना     की  सुनो  कहानी।।

है  विषाणु   कोरोना  घातक।
बना    आदमी  पूरा  पातक।।
खड़े   महल बँगले औ' छानी।
कोरोना   की   सुनो  कहानी।।

 आशाओं     का  अंत   नहीं है।
कोई    ऐसा    संत  नहीं  है।।
कर दे   इसकी बन्द  कहानी।
 कोरोना     की  सुनो  कहानी।।

 घरबंदी      बचाव   जीवन का।
फेरें नियम बाँध प्रभु मनका।।
'शुभम' न शिव का कोई सानी।
कोरोना     की   सुनो कहानी।।

💐 शुभमस्तु !

18.05.2020◆2.50अप.

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