शुक्रवार, 15 मई 2020

गर्मी आई !गर्मी आई!! [ बालगीत ]


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✍ शब्दकार ©
🍑 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'
★★★★★★★★★★★★★

गर्मी     आई !    गर्मी  आई!!
स्वाद    भरी    सौगातें  लाई।

बाड़ी      में  महके-  ख़रबूज़े।
लाल   शहद - से हैं तरबूजे।।
खीरा      ककड़ी   खूब सुहाई।
गर्मी     आई !    गर्मी  आई!!

ठंडी     आइसक्रीम     है भाती।
मुन्ना    खाता   मुन्नी  खाती।।
ठेले    की   ध्वनि  पड़ी सुनाई।
गर्मी      आई !     गर्मी  आई।।

खुशबूदार        संतरे    आए।
अंगूरों        के   ढेर    लगाए।।
लीची   मधुर  स्वाद भर लाई।
गर्मी      आई !     गर्मी  आई!!

पीले        खट्टे -  मीठे  आम।
लाते     हैं   पापा   हर   शाम।।
लँगड़ा     चौसा   दशहरिआई।
गर्मी    आई !     गर्मी    आई!!

कभी - कभी  आँधी आ जाती।
हरे     टिकोरे   धरा  गिराती।।
खट्टी -   मीठी    लौजी  भाई।
गर्मी       आई !    गर्मी  आई!!

ठंडी -  मीठी    लस्सी भाती।
माँ  जी   मेरी   रोज़ बनाती।।
दही     छाछ  की करें पिलाई।
गर्मी   आई !   गर्मी    आई!!

चलें  आम  की  शीतल छाया।
देखो    बौर नीम पर आया।।
अमरबेल      कीकर   पर छाई।
गर्मी      आई!     गर्मी  आई!!

🙏 इति शुभम।

💐 शुभमस्तु !

10.05.2020 ◆6.45 अप.

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