शनिवार, 16 मई 2020

🇮🇳⚔️सैनिक 🇮🇳⚔️ [ दोहा ]


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✍ शब्दकार ©
🇮🇳 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'
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 रक्षा    हित   निज   देश   की,
तज          देता        घरबार।
सैनिक      कहलाए       वही,
उसको    नमन   हज़ार।।1।।

देशभक्त      सच्चा        वही,
सैनिक      जिसका       नाम।
रक्षा       अपने      देश     की,
करता      कर्म    ललाम।।2।।

कर्म       धर्म    उसका   बना,
मंदिर         उसका        देश।
सैनिक        पूजा      कर्मरत,
राष्ट्र    प्रेम    ही    वेश।।3।।

धन्य    जननि   जिसने जना,
ऐसा         सैनिक          वीर।
पिता        धन्य    उस  पुत्र का,
शत्रु      दमन      रणधीर।।4।।

सैनिक     के     दुख  दर्द का,
हाल          जानता        कौन!
भूला       अपने      कर्म     में,
सरकारें     भी       मौन।।5।।

तापमान     है    शून्य   - से , 
नीचे         तुहिन        अपार।
डटा       हुआ    वह देशहित,
सैनिक     पर     उपकार।।6।।

सैनिक -   पत्नी    का    हृदय, 
कितना      भव्य        विशाल! 
सीमा        पर   प्रहरी    डटा, 
वह     निज  घर की ढाल।।7।।

आठ     प्रहर     चौंसठ    घड़ी,
 लड़ना          उसका       काम।
सैनिक     भारतभूमि      का, 
मौसम,    शत्रु       अनाम।।8।।

होली       उसकी     रक्त की,
तारे        मंगल           दीप।
सीमा         पर     तैनात   है,
सैनिक       वीर   महीप।।9।।

जिस ध्वज    की   रक्षार्थ  वह,
 बलि         देता    निज   प्राण।
वही        तिरंगे    का    कफ़न,
बनता       सैनिक त्राण।।10।।

आओ     हम   मिलकर   करें,
वंदन         नमन       हज़ार।
सैनिक     रक्षक   प्राण    का,
कर   लें  प्यार  अपार।।11।।

💐 शुभमस्तु !

16.05.2020 ◆6.30 पूर्वाह्न।

🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳

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