बुधवार, 18 सितंबर 2024

नभ के तारे [ बालगीत ]

 419/2024

           

©शब्दकार

डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'


कुछ - कुछ कहते   नभ  के   तारे।

हमें      मिटाने      हैं     अँधियारे।।


हिल-मिल कर हमको   है   रहना।

सदा  एकता      अपना    गहना।।

लाने  हैं      नभ    में     उजियारे।

कुछ -  कुछ कहते   नभ के तारे।।


जितनी भी  हो    शक्ति    लगाना।

रजनी को दिन -  सा    चमकाना।।

बनें  चाँद  -   सूरज     के    प्यारे।

कुछ -  कुछ कहते  नभ  के  तारे।।


'शुभम्'  नहीं   कमजोर    जानना।

करना  है    हर   हाल    सामना।।

सबके   ही    हों    सदा     दुलारे।

कुछ -  कुछ   कहते  नभ के तारे।।


शुभमस्तु !

16.09.2024◆3.00आ०मा०

                   ★★★

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