सोमवार, 9 सितंबर 2024

विपदाओं ने ढाले हैं [ सजल ]

 388/2024

         


समांत     : आले

पदांत      :  हैं

मात्राभार  :14.

मात्रा पतन:शून्य


विपदाओं    ने     ढाले  हैं।

वे जन  बड़े    निराले   हैं।।


कठिन  राह  में  रुके   नहीं।

यद्यपि   पग में    छाले   हैं।।


कारा  में    भी   रोक    नहीं।

पहरे  भी    दृढ़   ताले    हैं।।


वासुदेव    जी    प्रकट   हुए।

नित   जग   के  रखवाले हैं।।


बजी   बधाई     गोकुल   में।

कृष्ण  वर्ण    के    काले  हैं।।


ब्रजबाला  सँग   रास    रचा।

भरे    प्रेम    के    प्याले   हैं।।


'शुभम्' विनत प्रभु चरणों  में।

कृपा    दृष्टि     ने   पाले    हैं।।


शुभमस्तु !


09.09.2024●3.00आ०मा०

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