421/2024
©शब्दकार
डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'
चलो साथियो हाथी आया।
जिसने देखा वह चकराया।।
खंभे जैसी उसकी टाँगें।
कुत्ते देख भौंकते भागें।।
लम्बी सूँड़ हिलाता पाया।
चलो साथियो हाथी आया।।
हाथी का तन मानो कमरा।
आता देख दूर से सँवरा।।
झाड़ू - सी दुम रहा हिलाया।
चलो साथियो हाथी आया।।
हाथी की हम करें सवारी।
'शुभम्' रंग काला शुभकारी ।।
दो - दो फुट का दाँत दिखाया।
चलो साथियो हाथी आया।।
शुभमस्तु !
16.09.2024◆7.15आ०मा०
★★★
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें