बुधवार, 18 सितंबर 2024

तिरंगा [ बालगीत ]

 417/2024


©शब्दकार

डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'


राष्ट्र ध्वजा     तप तेज   तिरंगा।

बहे  धरा    पर     पावन  गंगा।।


सदा     सत्य   जो   बरसाता  है।

नर  -  नारी    को    हर्षाता   है।।

स्वस्थ  सबल  है   शोभन   चंगा।

राष्ट्र  ध्वजा    तप तेज  तिरंगा।।


केसरिया    रँग     शौर्य   समानी।

श्वेत  मध्य    का शांति    सुदानी।।

उर्वरता    में      हरित      उमंगा।

राष्ट्र  ध्वजा    तप  तेज   तिरंगा।।


'शुभम्'  न   झुके  तिरंगा  अपना।

पूरा    करे   देश    निज   सपना।।

रहे      न    कोई      भूखा - नंगा।

राष्ट्र  ध्वजा    तप तेज     तिरंगा।।


शुभमस्तु !


16.09.2024◆2.00आ०मा०

                    ★★★

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