सोमवार, 9 सितंबर 2024

सभी मनाएँ रक्षाबंधन [ सजल ]

 390/2024

       

समांत      : आले

पदांत       : अपदांत

मात्राभार   :16.

मात्रा पतन :शून्य


सावन   के  घन   काले - काले।

छाए   नभ  में    बड़े    निराले।।


सभी       मनाएँ       रक्षाबंधन।

घर -  घर  में हों   नए   उजाले।।


भागिनी  बाँधे   राखी   कर  में।

रक्षक     भ्राता    भोले -भाले।।


श्रवण चित्र  पुजते हैं   घर -घर।

परम्परा   से      पुजने    वाले।।


हरी  भुजरियाँ    बहन  बाँटतीं।

हर्ष  मुदित मन  पर्व   मना ले।।


लातीं   बहन    मिठाई    घृतवर।

सावन  सरसे     कजरी  गा ले।।


'शुभम्' झरें   झर- झर -झर  बूँदें।

कलकल  सरिता छल छल नाले।।


शुभमस्तु !


09.09.2024●9.15 आ०मा०

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