बुधवार, 18 सितंबर 2024

पानी की कहानी [ बालगीत]

 414/2024

            


©शब्दकार

डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'


सुनते    हैं   अनमोल     कहानी।

कहते  हैं    सब  जिसको  पानी।।


अणु  दो   हाइड्रोजन  के   होते।

संग एक    ऑक्सीजन    ढोते।।

सबके   प्राण    बचाए     दानी।

कहते  हैं सब  जिसको   पानी।।


सागर   सरिता    झीलें  सरसी।

बादल  से  जो    बूँदें    बरसी।।

सहज सुलभ सबको सम्मानी।

कहते  हैं  सब जिसको पानी।।


जलचर  थलचर नभचर नाना।

सबका  यह  विश्वास  पुराना।।

'शुभम्'  बहुत हैं जल के मानी।

कहते  हैं  सब  जिसको पानी।।


शुभमस्तु !

15.09.2024 ◆7.45प०मा०

                 ★★★

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