411/2024
©शब्दकार
डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'
भारत माँ की महिमा न्यारी।
हमें देश की मिट्टी प्यारी।।
बहतीं सरिता यमुना गंगा।
उत्तर में हिमगिरि है चंगा।।
दक्षिण हिंद सिंधु जल खारी।
भारत माँ की महिमा न्यारी।।
लहराती फसलों की खेती।
गन्ना धान चना बहु जेती।।
बेला पाटल की फुलवारी।
भारत माँ की महिमा न्यारी।।
नवल तिरंगा शुभ लहराए।
गीत एकता के हम गाए।।
दुश्मन से मत करना यारी।
भारत माँ की महिमा न्यारी।।
शुभमस्तु !
15.09.2024◆6.15प०मा०
★★★
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