412/2024
©शब्दकार
डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'
पूजनीय अपनी गौ माता।
सनातनी हिन्दू ही ध्याता।।
अमृत जैसा दूध तुम्हारा।
हमें बड़ा ही मिला सहारा।।
भक्त तुम्हारा सब कुछ पाता।
पूजनीय अपनी गौ माता।।
कोटि तैंतीस देवता वास।
तन में बसते सत्य न हास।।
जहाँ रहे सुख संपति पाता।
पूजनीय अपनी गौ माता।।
'शुभम्' बने थे श्रीहरि ग्वाला।
गोपालक यशुदा के लाला।।
भक्ति गाय की में मैं राता।
पूजनीय अपनी गौ माता।।
शुभमस्तु !
15.09.2024 ◆6.45प०मा०
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