बुधवार, 18 सितंबर 2024

पेड़ों का हत्यारा [ बालगीत ]

 423/2024

            

©शब्दकार

डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'


मानव      पेड़ों      का    हत्यारा।

स्वार्थ  साधता   तरु   के   द्वारा।।


पाल   पोस  कर   उन्हें    बढ़ाता।

चीर    डालता     है     कटवाता।।

बना  रहा   विटपों     की   कारा।

मानव    पेड़ों     का      हत्यारा।।


कुर्सी     मेज      बैड    बनवाता।

काट -  काट कर  काठ  सजाता।।

वृक्षों  का     दे     झूठा      नारा।

मानव     पेड़ों   का      हत्यारा।।


पलने  से  मरघट   तक   लकड़ी।

बात  बनाए    अपनी     बिगड़ी।।

जैसे   चाहा        वैसे        मारा।

मानव   पेड़ों      का     हत्यारा।।


शुभमस्तु !

16.09.2024◆8.15 आ०मा०

                    ★★★

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