448/2024
समांत :अना
पदांत : अपदांत
मात्राभार : 16.
मात्रा पतन: शून्य
पाने को कुछ पड़ता तपना।
सदा देखना ऊँचा सपना।।
लगे हुए सीधा करने में।
दुनिया वाले उल्लू अपना।।
दृष्टि अन्य के धन पर उनकी।
राम - नाम की माला जपना।।
पूछ नहीं निर्धन की कोई।
धनिकों के ही सम्मुख झुकना।।
मेरा - मेरा करते बीता।
नहीं जानता पल भर रुकना।।
बिना काम के नाम चाहते।
समाचार सुर्खी में छपना।।
जननी - जनक न पूज्य मानते।
'शुभम्' न चाहें सेवा करना।।
शुभमस्तु !
29.09.2024●10.30 आ०मा०
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सोमवार, 30 सितंबर 2024
राम -नाम की माला जपना [सजल]
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