405/2024
©शब्दकार
डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'
गणपति बप्पा गेह पधारें।
विघ्न हमारे पल में टारें।।
विद्या - ज्ञान हमें करवाएँ।
हिंदी भाषा हमें सिखाएँ।।
स्वर व्यंजन का ज्ञान विचारें।
गणपति बप्पा गेह पधारें।।
मोदक प्रिय हे मोद प्रदाता।।
गीत तुम्हारे प्रभु मैं गाता।।
जय गौरी शिव सुत उच्चारें।
गणपति बप्पा गेह पधारें।।
'शुभम्' आप आएँ दुख हर लें।
ज्ञान प्राप्त कर झोली भर लें।।
हम आपकी आरती उतारें।
गणपति बप्पा गेह पधारें।।
शुभमस्तु !
15.09.2024◆12.15प०मा०
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