बुधवार, 18 सितंबर 2024

कोयल बोले [बालगीत]

 402/2024

             

©शब्दकार

डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'


अमराई       में     कोयल     बोले।

कान - कान में    मधुरस    घोले।।


आता  जब   ऋतुओं   का  राजा।

महकें  बौर  आम    पर   ताजा।।

सघन  पल्लवों  में    पिक  डोले।

अमराई  में       कोयल    बोले।।


कुहू -  कुहू   की  बोली    प्यारी।

वेला  ब्रह्म     लगे      मन हारी।।

बंद कान    के    परदे     खोले।।

अमराई    में     कोयल    बोले।।


'शुभम्'   सँदेशा    हमको   देती।

मधु    भाषा    है     नेती - नेती।।

बोलो हर - हर बम - बम   भोले।

अमराई  में      कोयल     बोले।।


शुभमस्तु !

15.09.2024◆9.30आ०मा०

                ★★★

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