आपको नहीं मालूम वर्तमान सियासत में एक विशेष तत्व का समावेश हो गया है: और वह है दूरदृष्टि , 'नेक 'इरादा, सस्ती लोक प्रियता। इनमें दूरदृष्टि सर्वप्रमुख है।भविष्य के मत परिणाम को दृष्टिगत करते हुए , समकालीन हर योजना, शिक्षा, समाज , मीडिया और तो और परीक्षाएँ औऱ उनके परिणाम भी प्रभावित हो रहे हैं। ये बुद्धिमान ही नहीं अति बुद्धिमान सलाहकारों और सियासतदां लोगों की बुद्धि का चमत्कार ही कहिए।
हर्रा लगे न फिटकरी रंग चोखा ही आए। बहुत सटीक और सुंदर लोक -कहावत है। एक ओर सख्ती दिखला कर ये प्रदर्शित कर दो कि देखो कितने दर्श प्रिय , अनुशासन प्रिय, न्याय प्रिय, कानून की रक्षक, जनहितकारी और सात्विक शासन व्यवस्था है और अंदर ही अन्दर मामला कुछ और है , जहां अर्जुन की तरह चिड़िया की आँख ही नज़र आ रही है। केवल और केवलब 2019 , 2019 और 2019।
लेकिन "अति सर्वत्र वर्जयेत" के अनुसार चोरी करने में चोर कोई न कोई ऐसा सूराख जरूर छोड़ देता है, जहाँ से सारी पोल पट्टी की धज्जियाँ जब उदतिब हैं तो सड़कों पर , गलियों में , अखबारों में लावा ही लावा बिखरा नज़र आता है। दूर दर्शिता की पोल पट्टी खुल चुकी है। खरीदा हुआ मीडिया चुप है , फिर भी साँप बिल से बाहर आ ही गया।!
उत्तर प्रदेश मध्यमिक शिक्षा परिषद के परिणाम ने सब असलियत सामने स्प्ष्ट कर दी है।अब निकले हुए सांप को पुनः बिल में घुसाने के लिए बीन बजने वाली है। निरपराधी को दंडित करके साँप को बिल में ठूंसा जाएगा।साम , दाम, दण्ड और भेद के फार्मूले से उसका विष -शमन किया जाएगा। किन्तु जीत सदा सत्य की होती है।
'सत्यमेव जयते'।
परीक्षा -परिणाम में 29 तारीख से ही उठ रही चिरायंध का आभास मुझे उसी दिन हो गया तब, लेकिंन 3 मई के "हिंदुस्तान" ने उठ रही चिरायंध की पुष्टिकर ही दी। यदि इंसाफ होता है , तब तो ठीक है,अन्यथा बड़े बड़े घोटालों की तरह इस पर भी चिलमन गिरा दी जाएगी।औऱ हम और हमारी नई पीढ़ी को 20 साल और पीछे पिछवाड़े डाल दिया जाएगा ,वे आई ए एस, इंजीनियर और डॉक्टर बनने के सपने देखते रह जाएंगे। अपने परिजन और इष्ट-मित्रों के बीच फ़ोटो खिंचवा कर , सेल्फी लेकर खुश हो लेंगे , अख़बार की सुर्खियों को सँजोकर अपना इतिहास बना लेंगे। ये भी खुश, वे भी खुश।
शुभमस्तु।
©✍🏼डॉ.भगवत स्वरूप"शुभम"
हर्रा लगे न फिटकरी रंग चोखा ही आए। बहुत सटीक और सुंदर लोक -कहावत है। एक ओर सख्ती दिखला कर ये प्रदर्शित कर दो कि देखो कितने दर्श प्रिय , अनुशासन प्रिय, न्याय प्रिय, कानून की रक्षक, जनहितकारी और सात्विक शासन व्यवस्था है और अंदर ही अन्दर मामला कुछ और है , जहां अर्जुन की तरह चिड़िया की आँख ही नज़र आ रही है। केवल और केवलब 2019 , 2019 और 2019।
लेकिन "अति सर्वत्र वर्जयेत" के अनुसार चोरी करने में चोर कोई न कोई ऐसा सूराख जरूर छोड़ देता है, जहाँ से सारी पोल पट्टी की धज्जियाँ जब उदतिब हैं तो सड़कों पर , गलियों में , अखबारों में लावा ही लावा बिखरा नज़र आता है। दूर दर्शिता की पोल पट्टी खुल चुकी है। खरीदा हुआ मीडिया चुप है , फिर भी साँप बिल से बाहर आ ही गया।!
उत्तर प्रदेश मध्यमिक शिक्षा परिषद के परिणाम ने सब असलियत सामने स्प्ष्ट कर दी है।अब निकले हुए सांप को पुनः बिल में घुसाने के लिए बीन बजने वाली है। निरपराधी को दंडित करके साँप को बिल में ठूंसा जाएगा।साम , दाम, दण्ड और भेद के फार्मूले से उसका विष -शमन किया जाएगा। किन्तु जीत सदा सत्य की होती है।
'सत्यमेव जयते'।
परीक्षा -परिणाम में 29 तारीख से ही उठ रही चिरायंध का आभास मुझे उसी दिन हो गया तब, लेकिंन 3 मई के "हिंदुस्तान" ने उठ रही चिरायंध की पुष्टिकर ही दी। यदि इंसाफ होता है , तब तो ठीक है,अन्यथा बड़े बड़े घोटालों की तरह इस पर भी चिलमन गिरा दी जाएगी।औऱ हम और हमारी नई पीढ़ी को 20 साल और पीछे पिछवाड़े डाल दिया जाएगा ,वे आई ए एस, इंजीनियर और डॉक्टर बनने के सपने देखते रह जाएंगे। अपने परिजन और इष्ट-मित्रों के बीच फ़ोटो खिंचवा कर , सेल्फी लेकर खुश हो लेंगे , अख़बार की सुर्खियों को सँजोकर अपना इतिहास बना लेंगे। ये भी खुश, वे भी खुश।
शुभमस्तु।
©✍🏼डॉ.भगवत स्वरूप"शुभम"
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