ऊपर का सिर्फ इशारा है,
सन उन्नीस हमारा है।
नया खेल कुछ खेलो जी
यह कर्तव्य तुम्हारा है।
धर्म में फैला कर्म में फैला
तम्बू बन गया छोटा थैला
पंकपुत्र की 'खुशबू' फेंको
सन उन्नीस तुम्हारा है।
क्या शिक्षा क्या मस्जिद मंदिर
काम करो पर्दे के अन्दर
पॉपुलर निज़ाम है अपना
सन उन्नीस तुम्हारा है।
हम विरक्त साधक योगी हैं
पर सत्ता - रस के भोगी हैं
अन्दर बाहर भिन्न रूप हम
सन उन्नीस हमारा है।
किसने कीचड़ नहीं उछाला
हम क्यों पीछे रहने वाला
उससे ही तो जन्म लिया है
सन उन्नीस हमारा है।
रातों रात पलट दें किस्मत
गदहे को भी कर दें टॉपर
नम्बर तीस बढ़ाकर जाँचों
सन उन्नीस हमारा है।
जाँच कमीशन नौकर अपना
जो चाहेंगे पूरा सपना
सत्ता के अधीन सब कुछ है
सन उन्नीस हमारा है।
राजनीति में सब जायज है
सिंह वही जो पद पर काबिज़ है
किसकी हिम्मत जो टकराए
सन उन्नीस हमारा है।
मुश्किल से हथियाई सत्ता
हिलने मत दो पत्ता - पत्ता
ये भी मेरा वो भी मेरा
सन उन्नीस हमारा है।
सदा "शुभम" कोई फूल न खिलता
मुरझाता फिर फल भी बनता
कर्म किए जा इच्छा बिन सब
सन उन्नीस हमारा है।
शुभमस्तु।
©✍🏼डॉ. भगवत स्वरूप"शुभं"
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