मंगलवार, 18 फ़रवरी 2025

आदमियत चाहिए [ नवगीत ]

 097/2025

             


©शब्दकार

डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'


आदमी को आदमी से

आदमियत चाहिए।


भेड़ों में भेड़चाल

अचरज  की बात नहीं

साँपों में डंसने की

नई-नई    घात सही

दुर्लभ है आदमी में

आदमियत चाहिए।


लौकी सेम भिंडी से

दूर होता आदमी

आदमी में आदमी का

अंश मिले लाजमी

मुखौटे में भेड़िया है

आदमियत चाहिए!


कानून की रज्जु बँधा

कहलाता आदमी

कानून जो भंग करे

वही आज आदमी

भेड़ भरे रेवड़ में

आदमियत चाहिए।


शुभमस्तु !


18.02.2025●3.00प०मा०

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