114/2024
©शब्दकार
डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'
करते बारह मास प्यार जो,निज पत्नी से प्यार।
वेलंटाइन की नहीं रही, उन्हें न कुछ दरकार।।
जोगीरा सारा रा रा रा
सिर पर चढ़ती गदह पचीसी ,घासलेटि औलाद।
क्या न करें नीचे गिरते वे, देह बनी फौलाद।।
जोगीरा सारा रा रा रा
रोज प्रपोज पुनः चॉकलेटी, टेडी डे के बाद।
प्रॉमिस हग डे किस डे आते,फिर वेलन का नाद।।
जोगीरा सारा रा रा रा
शब्दों में अब प्यार - बाँसुरी,बजे फरवरी मास।
घर में नहीं सड़क गलियों में,प्रेम ले रहा श्वास।।
जोगीरा सारा रा रा रा
धनिकों के नव प्रेम - चोंचले,मारुत भरा गुबार।
पल में फूले पल में फूटे, मिलता नहीं उधार।।
जोगीरा सारा रा रा रा
एक नहीं दस - दस पी जाते,रस का प्याला एक।
धन्य - धन्य हैं वे बालाएँ, वितरण की ली टेक।।
जोगीरा सारा रा रा
'शुभम्' कहें जोगीरा प्रेमिल,बदल गया युग आज।
प्रेम बिके पैसे की खातिर,कामकला की खाज।।
जोगीरा सारा रा रा रा
शुभमस्तु !
18.03.2024●12.00मध्याह्न
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