सोमवार, 25 मार्च 2024

शुभम् कहें जोगीरा:41 [जोगीरा ]

 143/2024

        


©शब्दकार

डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'


संकर बीज  आदमी  संकर,संकर सुसमाचार।

संकर  कृषि वरदान रोग की,बढ़ती पैदावार।।

जोगीरा सारा रा रा रा


पैसे  की  खातिर फुड़वा ले,मानुस अपनी  आँख।

संकर  वर्ण संकरी  जिंसें, उड़े बिना ही  पाँख।।

जोगीरा सारा रा रा रा


शंकर नहीं  हिमालय  वासी, पालें नंदी   भूत।

खेत-खेत दूकान सुसज्जित,संकर ही आहूत।।

जोगीरा सारा रा रा रा


संकर धनिया हलदी  मिर्चें, संकर दूध  पनीर।

गाय भैंस की नहीं जरूरत,कैमीकल की   भीर।।

जोगीरा सारा रा रा रा


मरने  पर  रोने  वाले भी ,मिल जाते अब  नित्य।

सब कुछ रेडीमेड मिलेगा,सिद्ध करें औचित्य।।

जोगीरा सारा रा रा रा


शिक्षक छात्र  विश्वविद्यालय,संकर का बाजार।

सजा हुआ है कुछ भी ले लो,संकर की भरमार।।

जोगीरा सारा रा रा रा


'शुभम्' कहें जोगीरा संकर,संकर अब अनिवार्य।

बिना पढ़े  संकर  डिग्री  भी,बन जाएं   आचार्य।।

जोगीरा सारा रा रा रा


शुभमस्तु !


22.03.2024●9.45प०मा०

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