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©शब्दकार
डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'
डिप्टी साब गए विद्यालय,पूछा एक सवाल।
नेता की परिभाषा क्या है,बतलाओ सब हाल।।
जोगीरा सारा रा रा रा
बच्चे बोले विगत जन्म में,होता गिरगिट रूप।
मानव देह मिले जब उसको,पिए सियासत-सूप।।
जोगीरा सारा रा रा रा
मोह न करता कभी एक से,बदले पाला रोज।
कुर्सी में ही प्राण बसाता,चमके मुख पर ओज।।
जोगीरा सारा रा रा रा
आगे- पीछे गुर्गा उसके, रहते हैं दो - चार।
तेल लगाते बाँस चढ़ाते,करें उसी अनुसार।।
जोगीरा सारा रा रा रा
नेता का विश्वास न करना,मार धड़े मैदान।
अपनी शेर रखे सब बातें,गाए जनगण गान।।
जोगीरा सारा रा रा रा
बेपेंदी का लोटा समझो,कब लुढ़के किस ओर।
बाप न उसका एक कभी हो,लेता जिया हिलोर।।
'शुभम्' कहें जोगीरा औघड़,है सामान्य न जीव।
दर्शन भी उसके दुर्लभ हैं, घूरे में है नीव।।
जोगीरा सारा रा रा रा
शुभमस्तु !
23.03.2024●8.00प०मा०
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