151/2024
© शब्दकार
डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'
जंगल में चुनाव का डंका, बजने लगा अबाध।
कोई भी ले टिकट लड़ सके ,किए भले अपराध।।
जोगीरा सारा रा रा रा
एक नहीं दो चार सीट से,लड़ने की है छूट।
जैसे भी हो सीट जीतना,करो भले ही लूट।।
जोगीरा सारा रा रा रा
जिसके आगे- पीछे चलते,गुंडे यदि दस बीस।
बड़ा वही कहलाए नेता, रहे नहीं उन्नीस।।
जोगीरा सारा रा रा रा
बंदर गधा और हाथी ने, पर्चा भरा निशंक।
शेर सिंह के आगे चीता, करे नहीं आतंक।।
जोगीरा सारा रा रा रा
नामांकन हो रहे धड़ाधड़,चूहा बिल्ली साथ।
मौन खड़े खरगोश बराबर,गिद्ध झुकाए माथ।।
जोगीरा सारा रा रा रा
हेंचू - हेंचू गर्दभ बोला, पालन कर आचार।
रहें संहिता की सीमा में, तब हो बेड़ा पार।।
जोगीरा सारा रा रा रा
'शुभम्' कहें जोगीरा जंगल, बदलेगा अब राज।
कागा नहीं चुगेगा मोती, हंसराज आगाज।।
जोगीरा सारा रा रा रा
शुभमस्तु !
23.03.2024●9.15प०मा०
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