108/2024
©शब्दकार
डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'
जोगीरा की ज्योति जगाओ,प्रथम पूज्य गणनाथ।
नमन चरण युग में करता है,'शुभम्' तुम्हें निज माथ।
जोगीरा सारा रा रा रा
होली है मधुमास वसंती,रिद्धि सिद्धि के साथ।
हे गणेश जी उर में आओ,कवि को करें सनाथ।।
जोगीरा सारा रा रा रा
व्यास - निवेदन पर लिख डाला,महाग्रंथ तुम एक।
वर्णाका में गति लाओ मम,जागे सुप्त विवेक।।
जोगीरा सारा रा रा रा
पहने बैठे हो प्रभु धोती, लिया देह को ढाँक।
और वसन भी यदि पहनो तो, डालें हम रँग पांक।।
जोगीरा सारा रा रा रा
लगती तुम्हें न ठंडी गरमी,सहन शील तुम खूब।
मोदक प्रिय हे नाथ गजानन,अति प्रिय तुमको दूब।।
जोगीरा सारा रा रा रा
होली का अवसर विघ्नेश्वर, पिचकारी में रंग।
भरे हुए बैठे हैं चंदन, घोल रखी है भंग।।
जोगीरा सारा रा रा
'शुभम्' कहें जोगीरा शिवसुत,भरके शुंड विशाल।
रचनाओं को पावन कर दो,जागे ज्योतित ज्वाल।।
जोगीरा सारा रा रा रा
शुभमस्तु !
17.03.2024●8.45प०मा०
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