125/2024
©शब्दकार
डॉ.भगवत स्वरूपण'शुभम्'
ऊपर की यदि हो न कमाई, यही बड़ा अन्याय।
नेता अधिकारी करते सब, यही अन्य है आय।।
जोगीरा सारा रा रा रा
श्रेष्ठ नौकरी वही कहाए, जहाँ मिले उत्कोच।
मासिक वेतन बचा रहेगा, आता है तब लोच।।
जोगीरा सारा रा रा रा
झूठ बोलना छल बल करना,कलयुग के हैं मंत्र।
इनके बिना न चलता जीवन,बना रहे जनतंत्र।।
जोगीरा सा रा रा रा
सुरा सुंदरी अंडा सामिष,भोजन ही आहार।
इनके बिना न जीवन नर का,खुले स्वर्ग के द्वार।।
जोगीरा सारा रा रा रा
सत्य धर्म ईमान सदा से, मरते भूखे नित्य।
कलयुग में अस्तित्व नहीं है,तनिक नहीं औचित्य।।
जोगीरा सारा रा रा रा
कचहरियाँ सब कच हर लेतीं,मत जाना उस ओर।
ईंट - ईंट धन चूस रही है, कहती लाओ मोर।।
जोगीरा सारा रा रा रा
'शुभम्' कहें जोगीरा सच्चे, भ्रष्टाचार महान।
बिन लिए उत्कोच मनुज का,होता शुभ न विहान।।
जोगीरा सारा रा रा रा
शुभमस्तु !
19.03.2024●7.30प०मा०
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