102/2024
©शब्दकार
डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'
भारत देश महान हमारा,शुद्ध एक ही चीज।
बिजली में है नहीं मिलावट,शुद्ध न मिलते बीज।।
जोगीरा सारा रा रा रा
धनीराम धनिए में डालें,मात्र गधे की लीद।
रंग मिले हल्दी मिर्चों में, मिट्टी हुई पलीद।।
जोगीरा सारा रा रा रा
बहन दूध वाली दोहन में,नियमित डालें नीर।
नकली खोया बेचें पापा, ठोक रहे तकदीर।।
जोगीरा सारा रा रा रा
शुद्ध न कोई दल के नेता,अति कुर्सी का मोह।
बेपेंदी के लोटा लुढ़कें, एक साल में गोह।।
जोगीरा सारा रा रा रा
धंधालय शिक्षालय अब तो,नम्बर वन हंड्रेड।
पूछो तो नजरें झुक जाएँ,रंगत होती फेड।।
जोगीरा सारा रा रा रा
बाप स्वयं ही नकल करावें,शिक्षक भी लें पाल।
एक यही मंशा है मन में, मिले ब्याह में माल।।
जोगीरा सारा रा रा रा
'शुभम्' कहें जोगीराअसली,फसली की भी बात।
देश रसातल में ही जाए,ऊँची नीची जात।।
जोगीरा सारा रा रा रा
शुभमस्तु !
16.03.2024●7.45प०मा०
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें