129/2024
©शब्दकार
डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'
अलग-अलग भगवान सभी के,खास और जन आम
द्वार अलग हैं दर्शन के हित, देवालय या धाम।।
जोगीरा सारा रा रा रा
वी आइ पी को पश्च द्वार से, हो शुभ दर्शन श्रेष्ठ।
रँगे पुजारी पंडे धन ले, उन्हें बनाते ज्येष्ठ।।
जोगीरा सारा रा रा रा
लोकतंत्र में सभी बराबर, कहने भर की बात।
जातिवाद को धर्म बढ़ाए,देखें जात अजात।।
जोगीरा सारा रा रा रा
नेता अभिनेता अभिनेत्री,मनुज नहीं सामान्य।
इनके हैं भगवान अलग ही,करें देव को धन्य।।
जोगीरा सारा रा रा रा
बेचारे भगवान हमारे, हैं गरीब लाचार।
करें प्रतीक्षा बड़े दान की,पिछले मंदिर -द्वार।।
जोगीरा सारा रा रा रा
निर्धन और अमीर यहाँ के,अलग -अलग दो जात।
भाव पूछता कौन यहाँ पर,सब पैसे की बात।।
जोगीरा सारा रा रा रा
'शुभम्' कहें जोगीरा भाविल, देवालय का द्वार।
बने एक ही सबके हित में,तब हो जन उद्धार।।
जोगीरा सारा रा रा रा
शुभमस्तु !
20.03.2024●6.15प०मा०
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