121/2024
©शब्दकार
डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'
धोती कुर्ता साड़ी ब्लाउज, विदा हो गए आज।
फटी जींस लघु टॉप सोहते, नव पीढ़ी का साज।।
जोगीरा सारा रा रा रा
थिगली जड़े पेंट लोअर में, फैशन है आबाद।
पता न लगता लड़का लड़की,हुई नई ईजाद।।
जोगीरा सारा रा रा रा
जितने नंगे देह दिखाऊ, उचित वही हैं वस्त्र।
रॉब गाँठने का जन-जन में,सुलभ आज का अस्त्र।।
जोगीरा सारा रा रा रा
शादी बारातों में देखो, धागा बाँधे पीठ।
ठिठुर रही निर्वसना जैसी,नारी लगे न दीठ।।
जोगीरा सारा रा रा रा
काया दर्शन करना है तो,जाओ ब्याह- बरात।
नए नमूने नर - नारी के, फैशन की बरसात।।
जोगीरा सारा रा रा रा
कहता कौन लाज नारी का,आभूषण अनमोल।
गली सड़क बाजारों में जा,देखो तुम अनतोल।।
जोगीरा सारा रा रा रा
'शुभम्' कहें जोगीरा फैशन,नित्य बदलता चाल।
नहीं बहन माता वह बाला,लगती नर को माल।।
जोगीरा सारा रा रा रा
शुभमस्तु !
19.03.2024●11.00आ०मा०
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