142/2024
©शब्दकार
डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'
नाते के ताने दुश्मन हैं, कर देखें प्रतिलोम।
ताने देने में अति कुशला,नारी का हर रोम।।
जोगीरा सारा रा रा रा
पति को पत्नी नहीं बख्सती,तानों की बौछार।
करती ही प्रायः रहती है,पति पर तीखे वार।।
जोगीरा सारा रा रा रा
घायल होता हृदय पुरुष का,सहता वह मजबूर।
खानी है हाथों की रोटी,रह न सके मगरूर।।
जोगीरा सारा रा रा रा
बात यही घर - घर की सच्ची,जा देखो घर बीच।
इस घर में या उस घर में जा,यही मिलेगी कीच।।
जोगीरा सारा रा रा रा
नहीं जीभ पर जिसे नियंत्रण,कहती चुभती बात।
सहन हो न हो ताना उसका,लगे किसी को घात।।
जोगीरा सारा रा रा रा
आगा पीछा नहीं सोचना, तिरिया तप्त चरित्र।
बदल सके जब नहीं विधाता,छिड़को चाहे इत्र ।।
जोगीरा सारा रा रा रा
'शुभम्' कहें जोगीरा तिरिया,मानें या मत मान।
नारी का ताना कु-अस्त्र है,लो जितना भी तान।।
शुभमस्तु !
22.03.2024● 9.15प०मा०
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