128/2024
©शब्दकार
डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'
मंदिर के अंदर जा पहुँचे, जूते रखे उतार।
खड़े सामने इष्टदेव के,ध्यान लगा है द्वार।।
जोगीरा सारा रा रा रा
मंदिर गए देव - पूजन को,पदत्राण में ध्यान।
ऐसे भक्त हजारों लाखों, देवालय की शान।।
जोगीरा सारा रा रा रा
पूजा करके तिलक सजाया, किया घण्ट का नाद।
ले न उपानह कोई मेरे, सदा रहा यह याद।।
जोगीरा सारा रा रा रा
जूता - भक्ति न जाना कोई, करता नमन प्रणाम।
मन में मनन उपानह-चिंतन,क्यों दें आशिष राम।।
जोगीरा सारा रा रा रा
आडंबर भक्तों का ऐसा, मंदिर में हर ओर।
जूता-भजन भक्त जन करते,नित जाते शुभ भोर।।
जोगीरा सारा रा रा रा
सत्य कहें तो बुरा मानते, पोंगा पंडित आज।
सच कुनैन-सा कड़वा लगता,खुलते असली राज।।
जोगीरा सारा रा रा रा
'शुभम्' कहें जोगीरा सच के,जूता ही भगवान।
कृपा राम की कैसे होवे,भावे जिन्हें अपान।।
जोगीरा सारा रा रा रा
शुभमस्तु !
20.03.2024● 5.00प०मा०
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