गुरुवार, 21 मार्च 2024

शुभम् कहें जोगीरा:26 [जोगीरा ]

 128/2024

        


©शब्दकार

डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'


मंदिर    के अंदर  जा    पहुँचे, जूते रखे   उतार।

खड़े   सामने  इष्टदेव  के,ध्यान लगा है   द्वार।।

जोगीरा सारा रा रा रा


मंदिर  गए देव - पूजन  को,पदत्राण में  ध्यान।

ऐसे  भक्त  हजारों  लाखों, देवालय की  शान।।

जोगीरा सारा रा रा रा


पूजा करके  तिलक  सजाया, किया घण्ट का नाद।

ले  न  उपानह   कोई   मेरे, सदा रहा यह     याद।।

जोगीरा सारा रा रा रा


जूता - भक्ति  न जाना  कोई,  करता नमन  प्रणाम।

मन में मनन उपानह-चिंतन,क्यों दें आशिष   राम।।

जोगीरा सारा रा रा रा


आडंबर  भक्तों   का  ऐसा, मंदिर में हर    ओर।

जूता-भजन भक्त जन करते,नित जाते शुभ भोर।।

जोगीरा सारा रा रा रा


सत्य  कहें  तो  बुरा  मानते, पोंगा पंडित  आज।

सच कुनैन-सा कड़वा लगता,खुलते असली राज।।

जोगीरा सारा रा रा रा


'शुभम्' कहें जोगीरा सच के,जूता ही भगवान।

कृपा  राम की  कैसे  होवे,भावे जिन्हें अपान।।

जोगीरा सारा रा रा रा


शुभमस्तु !


20.03.2024● 5.00प०मा०

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