मंगलवार, 5 मार्च 2024

बछिया [बाल गीतिका ]

 84/2024

        


©शब्दकार

डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्


गौ  माता    की   छोटी  बछिया।

भूरे रँग   की   अपनी  बछिया।।


चरने  गाय    घास   जब  जाती,

संग  - संग   जाती    है  बछिया।


जब  माँ   दूध   दुह   रही   होती,

दूध   प्रथम    पीती   है   बछिया।


गाय     चाटती   उसे    जीभ   से,

शांत  खड़ी  हो    जाती  बछिया।


नहलाते     पापा      पानी      से,

विचलित तनिक न होती बछिया।


पहली    रोटी     गौ    माता   को,

कौर  साथ  में    खाती    बछिया।


'शुभम्'  गाय   की   सेवा   करना,

पुण्य कर्म ,  मत   भूलें    बछिया।


शुभमस्तु !


04.03.2024● 7.00 प०मा०

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