602/2023
●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●
●© शब्दकार
● डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'
●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●
दरवाजे पर कोई आया।
खट-खट कर कुंडा खटकाया।।
खट-खट सुन सुत बाहर झाँका।
पूछा किसको ताको काका।।
अभ्यागत कुछ यों तब बोला।
कुछ कहने को मुखड़ा खोला।।
'बेटा हैं क्या पापा अंदर?
बुलवाओ तो उनको बाहर।।'
' बिजी खेल में हैं पापाजी।
लिए खिलौना कर में ताजी।।'
' लिया खिलौना है मोबाइल।
करते रहते क्या-क्या इल बिल।।'
'उसी खेल में मेरी मम्मी।
शायद खेल रही हैं रम्मी।।
'काका 'शुभम्' बाद में आना।
मोबाइल का यह अफ़साना।।'
●शुभमस्तु!
31.12.2023●11.00आ०मा०
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें