रविवार, 31 दिसंबर 2023

मोबाइल का अफ़साना ● [ बाल कविता ]

 602/2023

  

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●© शब्दकार

● डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'

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दरवाजे     पर     कोई  आया।

खट-खट कर कुंडा खटकाया।।


खट-खट सुन सुत बाहर झाँका।

पूछा  किसको  ताको   काका।।


अभ्यागत  कुछ  यों तब बोला।

कुछ कहने को  मुखड़ा खोला।।


'बेटा  हैं    क्या   पापा   अंदर?

बुलवाओ तो  उनको   बाहर।।'


' बिजी   खेल   में  हैं   पापाजी।

लिए  खिलौना  कर   में  ताजी।।'


' लिया  खिलौना है    मोबाइल।

करते रहते क्या-क्या इल बिल।।'


'उसी खेल      में   मेरी    मम्मी।

शायद  खेल     रही  हैं    रम्मी।।


'काका  'शुभम्'   बाद  में आना।

मोबाइल  का  यह   अफ़साना।।'


●शुभमस्तु!


31.12.2023●11.00आ०मा०

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