593/2023
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●© शब्दकार
● डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'
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राम संदेश
मनुज को नेक
सुलभ जन सेवा के उद्गार।
कभी वे राम
कभी वे श्याम
कभी वे महावीर या बुद्ध।
कभी वे वामन
कूर्म वराह
कल्कि अवतरित परशुधर शुद्ध।।
एक ही हरि
दस - दस अवतार
करें जग का उत्तम उपकार।
राम की द्वादश
कला सुरम्य
और षोडश गुण के आगार।
विनय आदर्श
वीर अति धीर
सदा मानवता शुभ साकार।।
संस्कृति संवाहक
नर श्रेष्ठ
सरलता के उत्तम आधार।
धर्म ध्वज वीर
शिरोमणि उच्च
जगत के रघुकुल तारणहार।
नारियों के पूजक
प्रणवीर
दीन के बंधु महा उपचार।।
'शुभम्' दशरथ
कौशल्या पुत्र
सत्य के शत-शत रामाचार।
● शुभमस्तु !
27.12.2023●6.45प०मा०
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