580/2023
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●© शब्दकार
● डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'
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रामनीति से
देश सँभालो
राजनीति क्या चीज?
झूठे वादे
आश्वासन का
समय नहीं अब आज।
भाषण से
प्रसन्न हों जड़मति
बनें न नेता बाज।।
जन -जीवन को
जड़ मत समझो
पेड़ लता के बीज।
रामादर्श
बना कर दर्पण
बतलाएँ सत राह।
सेवक हों सब
पवन पुत्र - से
समझें जन की चाह।।
सुविधाभोगी
क्या कर पाएँ
मैली हो न कमीज।
सेवक समझो
तुम अपने को
जामवंत हनुमान।
भाव समर्पण
हो तन मन का
मात्र कर्म पर ध्यान।।
कैसे जनता
के क़ाबिल हों
सीखें सकल तमीज़।
● शुभमस्तु !
26.12.2023●12.45प०मा०
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