शनिवार, 30 दिसंबर 2023

राम पताका ● [ गीत ]

 586/2023

          

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●© शब्दकार

● डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'

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राम पताका 

घर की छत से

हटा हृदय में टाँग।


अभिनय करता

रामभक्ति का

माथे लगा त्रिपुंड।

डाल गले में

कंठी माला

काम करे बरबंड।।


झूठी तेरी

भक्ति उक्ति सब

रहा  सदा  ही माँग।


रामादर्शन

नित्य आचरण

में कर ले रे जीव।

कर्म धर्म का

मात्र दिखावा

अंतर से तू क्लीव।।


साँचा केवल

एक राम का

शेष सभी है स्वांग।


राम सत्य हैं

राम तत्त्व हैं

राम वेद का सार।

राम बिना क्या

और जगत में

राम- राम उच्चार।।


राम तीर्थ हैं

राम कीर्ति हैं

राम प्रीति भर आँग।


● शुभमस्तु !


27.12.2023●7.45आ०मा०

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