563/2023
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●© शब्दकार
● डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'
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राम राम हैं
राम राम-से
कौन राम-सा एक।
पोथी पढ़ - पढ़
कौन हुआ नर
मर्यादा प्रभु राम।
तिलक लगाए
जपते माला
भरे तिजोरी दाम।।
परउपदेशक
ढोंगी देखे
किंकर काम अनेक।
सीता माता
जैसी नारी
पति अनुगामिनि धीर।
वैसे देवर
लखन भरत -से
पराक्रमी पति वीर।।
धर्म धुरंधर
हनुमत सेवी
दिनमणि संग विवेक।
दशरथ पितुवर
वचन बचाते
कौशल्या - सी मात।
कैकेयी - सा
नेह कहाँ अब
जीवन का अवदात।।
अनुगामी वह
लक्ष्मण जैसा
तजी उर्मिला नेक।
● शुभमस्तु !
24.12.2023●5.00प०मा०
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