596/2023
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●©शब्दकार
● डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'
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कर्म कृपा से
मानव जीवन
राम कृपा अनमोल।
अगजग में बस
एक सत्य है
राम - राम बस राम।
सब कुछ त्याग
राम को जप ले
करे न कोई काम।।
बिना बीज के
उगे न पौधा
सत्य वचन नित बोल।
भक्ति बीज है
राम कृपा का
शेष सकल सब झूठ।
योनि - योनि में
वही उगेगा
अन्य कर्म से रूठ।।
तू तो भीतर
बैठा बंदे
बाहर तन का खोल।
ताकझाँक में
दुश्मन बैठे
माया कामिनि काम।
धन दौलत या
कनक खजाना
ऊँचे - ऊँचे धाम।।
राम धाम ही
केवल साँचा
और चाम के ढोल।
● शुभमस्तु !
27.12.2023●9.00 प०मा०
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