मंगलवार, 26 दिसंबर 2023

राम की सजी अयोध्या ● [ गीत ]

 573/2023


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●© शब्दकार

● डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'

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राम की सजी

अयोध्या न्यारी

सरयू भरे हिलोर।


पुर वासी सब

हर्षित उमगे

उर आनंद विभोर।

सज्जित नूतन 

वसन देह पर

मध्यम वायु झकोर।।


प्राण प्रतिष्ठा

राम लला की

नाच उठे वन मोर।


कलियाँ खिलतीं

क्यारी - क्यारी

झुकते तरु फलदार।

चिड़ियाँ चहकें

झुरमुट भीतर

मानो सोच -विचार।।


सरयू - वीचि

खेलतीं मछली

तनिक नहीं है शोर।


खिले कमल दल

अलिदल गूँजें

तितली दल की धूम।

घूम -घूम कर

फूल-फूल पर

लगे रही ज्यों चूम।।


मन की रस्में

मना रहा जन

कर ध्वनियों की रोर।


● शुभमस्तु !

25.12.2023●8.00प०मा०

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