567/2023
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●© शब्दकार
● डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'
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राजीव नयन
भू भार हरो
हे करुणा अवतार।
धारण कर लो
निज कंधों पर
गुरु गांडीव अमोघ।
सीमा पर है
शत्रु हमारा
बारूदी अघ ओघ।।
घात लगाए
है कुहरे में
करता सीमा पार।
रात-रात भर
पहरा देते
बजरंगी हनुमान।
मसल सपोलों
को वह देते
करते हम गुणगान।।
वानर सेना
जागरूक रह
करे देश उद्धार।
शक्ति साधना
करते राघव
कमल नयन श्रीराम।
शक्ति चुराती
एक कमल तो
करते अद्भुत काम।।
माँ की बातें
याद आ गईं
खुला विवेकी द्वार।
● शुभमस्तु !
25.12.2023●6.30आ०मा०
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