बुधवार, 13 दिसंबर 2023

जिनके मन होते हैं ● [ सजल ]

 527/2023

         

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● समांत : आले।

●पदांत  :अपदांत।

●मात्राभार : 16.

●मात्रा पतन : शून्य।

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● ©शब्दकार

● डॉ०भगवत स्वरूप 'शुभम्'

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जिनके  मन   होते    हैं  काले।

वहाँ  न चमकें  कभी  उजाले।।


फूल  नहीं     झरते    वाणी से,

वही  चुभोते  हैं    कटु    भाले।


जिसने  स्वेद बहाया   श्रम  का,

वही    जानता   है   पग - छाले।


धारा  के    विपरीत   बहें    वे ,

आँधी   तूफानों     ने     पाले।


लालच  लोभ  नहीं  है  मन में,

करते  जग में   काम   निराले।


परजीवी  बन कर  जन   जीते,

उन्हें  अन्न   के   पड़ते    लाले।


सरिता 'शुभम्' निरन्तर बहती,

गँदला  जल   ले   बहते  नाले।


●शुभमस्तु !


11.12.2023●9.00आ०मा०

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