शनिवार, 30 दिसंबर 2023

अब आते हैं राम ● [ गीत ]

 595/2023

     

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●© शब्दकार

● डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'

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बीती घड़ियाँ

नहीं प्रतीक्षा

अब आते हैं राम।


सीता माता

साथ आ रहीं

विकल हुए सब नैन।

कैसे बीतें

घड़ियाँ  बेकल

काटे कटे न   रैन।।


आज न जाना

करें चाकरी 

और  न  कोई  काम।


विद्यालय को

हमें न जाना

खेतों को प्रस्थान।

स्वागत सभी

करेंगे मिलजुल

अभिनंदन सम्मान।।


जीवन भर तो

करना ही है

लगे  नित्य ही झाम।


बार-बार ऐसे

क्षण आते हैं

कब कितनी ही बार।

ऐसा दिन क्षण

पहला अंतिम

बीतें   वर्ष   हजार।।


'शुभम्' न देखें

वर्षा पानी

शीत चिलचिली घाम।


● शुभमस्तु !


27.12.2023●8.30प०मा०

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