शुक्रवार, 22 दिसंबर 2023

सजे राम - दरबार ● [ गीत ]

 552/2023

     

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●© शब्दकार 

● डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'

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नाम     राम का 

एक   बार   जो

ले - ले  हो उद्धार।


विरत रहा जो

राम -संग से

कैसे    बोले    राम।

बीत गया ये

जीवन सारा

याद रहा बस काम।।


आशा कैसे

 हो उस नर से

होना कर्म  सुधार।


अंत काल में

अजामील ने

उच्चारा   हरि   - नाम।

हरि ने उसको

दिया धाम निज

मिला सुफल परिणाम।।


कौन राम -सा

दाता जग में 

सर्वश्रेष्ठ    समुदार।


चलो अयोध्या

बुला रही है

प्रभु आएँगे आज

कमल नयन का

स्वागत करने

'शुभम्म' सजेगा साज।।


दानव - दल का

नाश पूर्ण हो

सजे   राम  -  दरबार।


●शुभमस्तु !


22.12.2023● 12.30 प०मा०

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