552/2023
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●© शब्दकार
● डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'
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नाम राम का
एक बार जो
ले - ले हो उद्धार।
विरत रहा जो
राम -संग से
कैसे बोले राम।
बीत गया ये
जीवन सारा
याद रहा बस काम।।
आशा कैसे
हो उस नर से
होना कर्म सुधार।
अंत काल में
अजामील ने
उच्चारा हरि - नाम।
हरि ने उसको
दिया धाम निज
मिला सुफल परिणाम।।
कौन राम -सा
दाता जग में
सर्वश्रेष्ठ समुदार।
चलो अयोध्या
बुला रही है
प्रभु आएँगे आज
कमल नयन का
स्वागत करने
'शुभम्म' सजेगा साज।।
दानव - दल का
नाश पूर्ण हो
सजे राम - दरबार।
●शुभमस्तु !
22.12.2023● 12.30 प०मा०
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