शनिवार, 30 दिसंबर 2023

एक रूप हैं राम ● [ गीत ]

 583/2023

        

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●© शब्दकार

● डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'

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एक ठौर ही

आदर्शों के

एक रूप हैं राम।


आज्ञाकारी 

पुत्र पिता के

सीता के पति श्रेष्ठ।

लखन भरत के

गौरव मय वे

भ्राताओं में ज्येष्ठ।।


पराक्रमी बल-

शाली योद्धा

वीतराग   निष्काम।


सदाचार सच

के अनुगामी

वे विनम्र धर्मज्ञ।

न्यायशील वे

दृढ़प्रतिज्ञ नर

मानव पूर्ण कृतज्ञ।।


सदा प्रशंसक

गुण के ग्राहक

एक वही बस नाम।


राम राम - से

और न कोई

सकल जगत ब्रह्मांड।

मानव रूपी

अवतारी हैं

 अक्षर अमर अखंड।।


एक -एक पद

अनुगमेय है

वहीं राम का धाम।


● शुभमस्तु!


26.12.2023●8.15प०मा०

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