मंगलवार, 26 दिसंबर 2023

महिमा राम नाम की ● [ गीत ]

 577/2023

 

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●© शब्दकार 

● डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'

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महिमा राम

नाम की गा ले

भव सागर में नाव।


उलटा नाम

जपा कवि वर ने

मरा-मरा की टेर।

ब्रह्म समान

हो गए जप कर

की न राम ने देर।।


वाल्मीकि के

पावन उर में

मात्र राम का भाव।


पाप कमाए 

बाँध पोटली

सिर पर लादी एक।

धोए धुलें न

बिना जतन के

कर्म  न  तेरे  नेक।।


जन्म -जन्म तक

रिसते हैं वे

अघ  ओघों  के घाव।


राह कठिन है

भटक रहा है

अपनी मंजिल दिव्य।

राम - कनक को

छोड़ा  तूने

किया इकट्ठा  द्रव्य।।


'शुभम्' सँभल जा

अब भी हे नर!

खाली मत कर दाँव।


● शुभमस्तु !


26.12.2023●10.15आ०मा०

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