553/2023
●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●
●© शब्दकार
● डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'
●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●
राम -नाम की
जप ले माला
जो चाहे भव -पार।
समझ नहीं तू
नर प्रभु जी को
लिया मनुज का रूप।
त्रेतायुग में
आए भू पर
पुरी अयोध्या भूप।।
शबरी केवट
वानर तारे
रावण का उद्धार।
कण -कण में जो
राम रमा है
क्षण- क्षण प्रातः -शाम।
भरत शत्रुघ्न
लखन साथ हैं
रूप ललित अभिराम।।
कौशल्या माँ
और सुमित्रा
दशरथ पिता सकार।
सीता -माता
जनक सुता का
मिला राम को साथ।
हनुमत जैसे
सेवक प्यारे
करते जगत सनाथ।।
मर्यादा का
रूप राम जी
जानें जग उजियार।
●शुभमस्तु !
22.12.2023●1.00प०मा०
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें